
रिकार्ड समय में आएगा 90 हजार शिक्षमित्रों का रिजल्ट
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दिवाली से पहले मिल सकता है डीए और बोनस
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राज्य कर्मचारियों को दीपावली के पहले सात प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता व एक महीने का बोनस मिल सकता है। प्रदेश के वित्त विभाग ने इससे जुड़ी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
प्रदेश सरकार केंद्र के निर्णय के अनुसार सूबे में कार्यरत केंद्रीय सेवा के अफसरों को बढ़ा महंगाई भत्ता देने का आदेश पहले ही कर चुकी है। इस समय पेंशनरों व राज्य कर्मियों को महंगाई भत्ता देने संबंधी प्रस्ताव पर कार्रवाई चल रही है।
सूत्रों के अनुसार जुलाई से सितंबर तक का बढ़ा हुआ सात प्रतिशत डीए जीपीएफ में जमा किया जा सकता है। कर्मचारी 100 प्रतिशत डीए पहले से पा रहे हैं। इस तरह 107 फीसदी डीए अक्तूबर के वेतन के साथ जुड़कर नकद मिल सकता है। वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए बोनस का भी ऐलान कर दिया है। प्रदेश में भी एक महीने का बोनस अधिकतम 3500 रुपये की सीमा में दिया जाता रहा है। वित्त विभाग के एक अधिकारी के अनुसार दीपावली के पहले बोनस भी दिया जा सकता है।
खबर साभार : अमर उजाला
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : सत्यापित प्रति के साथ काउंसिलिंग में हो सकेंगे शामिल
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- एक साथ सीनियर बेसिक स्कूल व प्राइमरी स्कूल सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने देने का मामला
- मूल प्रमाणपत्र देने के लिए नहीं करें बाध्य: हाईकोर्ट
इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रतिलिपि के साथ काउंसिलिंग में सम्मिलित होने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह आदेश सीनियर बेसिक स्कूलों में साइंस व गणित विषय के सहायक अध्यापक पद की काउंसिलिंग में हिस्सा ले चुके कुछ अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। याचिका में प्राइमरी स्कूल में प्रशिक्षु शिक्षकों की काउंसिलिंग में शामिल होने की छूट की मांग की गई है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने अपने मूल दस्तावेज पिछली काउंसिलिंग में जमा कर दिए हैं, उनसे प्रमाणित प्रति लेकर काउंसिलिंग में बैठने की अनुमति दी जाए। साथ ही इन्हें मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र देने के लिए बाध्य न किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन अभ्यर्थियों का चयन याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगी। कोर्ट ने दोनों भर्तियों की काउंसिलिंग में बैठने की अनुमति के लिए दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने वैभव यादव एवं 25 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका लगभग दो दर्जन जिलों के अभ्यर्थियों ने दाखिल की है। संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया गया है।
शिक्षामित्रों की परीक्षा समय से कराने के निर्देश
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- शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन न हो पाने से सहायक अध्यापक बने 58129 शिक्षामित्रों व 5000 बीटीसी प्रशिक्षितों की अटकी है तनख्वाह
- निदेशक एससीईआरटी को भेजा कार्रवाई के लिए पत्र, सत्यापन अक्टूबर के अंत तक कराने का आश्वासन
लखनऊ। प्रदेश के 58 हजार शिक्षामित्रों व पांच हजार बीटीसी प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक बनाये जाने के बाद अब उनकी तनख्वाह के लिए शासन पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि शासन ने शिक्षकों के वेतन के मद में 17218 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर करके वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजी है, उन्हें जिलेवार आवंटन करने को कहा गया है। दूसरी ओर शिक्षामित्रों के संगठन आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोबिंद चौधरी व बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा से अलग-अलग मिलकर अपनी सात सूत्री मांगों को रखा। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि एसोसिएशन के उठाये मुद्दों में शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन के लिए परीक्षा समय से कराने की मांग पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है और जल्द ही इस बाबत आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने बेसिक शिक्षा निदेशक से तनख्वाह को लेकर मांग की। निदेशक ने उन्हें अक्टूबर के अंत तक शिक्षामित्रों के कागजातों का सत्यापन करा लेने के भरोसा देते हुए इसके बाद तनख्वाह निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने बताया कि मंत्री और निदेशक दोनों से बातचीत काफी सकारात्मक रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने दूरस्थ बीटीसी से प्रथम चरण में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 58129 शिक्षामित्रों को परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित कर दिया है। पहले चरण का समायोजन 6 अगस्त तक पूरा कर लिया गया था लेकिन शिक्षामित्र से शिक्षक बने इन लोगों को अभी न मानदेय मिला है और न ही सहायक अध्यापक की तनख्वाह। इसकी वजह उनकी सेवा पुस्तिका और शैक्षिक कागजातों का सत्यापन न होना बताया जाता है। इस काम को पूरा कराने में एक से डेढ़ महीने लगना तय है।
सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर जिले में शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनायी गयी शिक्षिका पुष्पलता की तनख्वाह जारी कर दी गयी है। इस मामले में विभागीय अफसरों को शासन से निर्देश थे और अकेले उसके कागजातों का सत्यापन कराकर तनख्वाह रिलीज करा दी गयी। इसके बाद से ही सहायक अध्यापक बनो शिक्षामित्रों की ओर से दबाव बढ़ गया था, कई संगठनों ने तो वेरीफिकेशन न होने पर शासन स्तर तक विरोध दर्ज कराया था। इसी कड़ी में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने बेसिक शिक्षामंत्री श्री चौधरी व निदेशक श्री शर्मा से मिलकर जल्द कारवाई की मांग की है। मालूम हो कि शिक्षामित्रों की दूरस्थ बीटीसी से प्रशिक्षण कराने को लेकर सात फरवरी 2013 को जारी शासनादेश में सितम्बर 2014 में दूसरे बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा करानी थी। सितम्बर पूरा होने को है, लेकिन अभी तक जिलों में प्रशिक्षण बाद होने वाली परीक्षा के फार्म भी नहीं भराये गये हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ जिलों ने परीक्षाफार्म भरा लिये गये हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा कराने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है। बीटीसी की परीक्षा के लिए अलग से परीक्षा नियामक प्राधिकारी है, जिस पर परीक्षा कराने व रिजल्ट घोषित की जिम्मेदारी रहती है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने दूरस्थ बीटीसी से प्रथम चरण में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 58129 शिक्षामित्रों को परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित कर दिया है। पहले चरण का समायोजन 6 अगस्त तक पूरा कर लिया गया था लेकिन शिक्षामित्र से शिक्षक बने इन लोगों को अभी न मानदेय मिला है और न ही सहायक अध्यापक की तनख्वाह। इसकी वजह उनकी सेवा पुस्तिका और शैक्षिक कागजातों का सत्यापन न होना बताया जाता है। इस काम को पूरा कराने में एक से डेढ़ महीने लगना तय है।
सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर जिले में शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनायी गयी शिक्षिका पुष्पलता की तनख्वाह जारी कर दी गयी है। इस मामले में विभागीय अफसरों को शासन से निर्देश थे और अकेले उसके कागजातों का सत्यापन कराकर तनख्वाह रिलीज करा दी गयी। इसके बाद से ही सहायक अध्यापक बनो शिक्षामित्रों की ओर से दबाव बढ़ गया था, कई संगठनों ने तो वेरीफिकेशन न होने पर शासन स्तर तक विरोध दर्ज कराया था। इसी कड़ी में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने बेसिक शिक्षामंत्री श्री चौधरी व निदेशक श्री शर्मा से मिलकर जल्द कारवाई की मांग की है। मालूम हो कि शिक्षामित्रों की दूरस्थ बीटीसी से प्रशिक्षण कराने को लेकर सात फरवरी 2013 को जारी शासनादेश में सितम्बर 2014 में दूसरे बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा करानी थी। सितम्बर पूरा होने को है, लेकिन अभी तक जिलों में प्रशिक्षण बाद होने वाली परीक्षा के फार्म भी नहीं भराये गये हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ जिलों ने परीक्षाफार्म भरा लिये गये हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा कराने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है। बीटीसी की परीक्षा के लिए अलग से परीक्षा नियामक प्राधिकारी है, जिस पर परीक्षा कराने व रिजल्ट घोषित की जिम्मेदारी रहती है।
शिक्षमित्रों के वेतन के लिए दो माह का बजट स्वीकृत
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