- मंडलीय रिजर्व पूल से पूरी होगी कर्मियों की कमी
- रोक के पीछे मुलायम का बयान
- ड्यूटी से हटाए जाने पर शिक्षा मित्रों ने जताई आपत्ति
लखनऊ। 27 जिलों में शिक्षा मित्रों की चुनाव ड्यूटी पर रोक लगा दी गई है। यह रोक चुनाव आयोग ने लगाई है। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव आयोग से जिलों में शिक्षा मित्रों की चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए इजाजत मांगी थी। लेकिन आयोग ने साफ इनकार कर दिया है। कहा है कि यदि अब मतदान कर्मियों की कमी है तो इसकी पूर्ति मंडल स्तर पर बने रिजर्व पूल से की जाए।
चुनाव आयोग ने कुछ समय पहले ही प्रदेश के 32 जिलों के करीब 31 हजार शिक्षा मित्रों को चुनाव ड्यूटी पर लगाने की इजाजत दी थी। यह इजाजत उन्हीं को दी गई है जिन्होंने पहले से चुनाव आयोग के पास इन्हें लगाने का प्रस्ताव भेजा था। आयोग ने हिदायत दी थी कि शिक्षा मित्रों को पीठासीन अधिकारी न बनाया जाए। इन्हें केवल मतदान कर्मी ही बनाया जाए।
32 जिलों को इजाजत मिलने के बाद कई अन्य जिलों ने भी इसी तर्ज पर शिक्षा मित्रों की चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए इजाजत मांगी। जबकि कई ऐसे जनपद हैं जिन्होंने बगैर प्रस्ताव भेजे ही अपने यहां शिक्षा मित्रों की चुनाव ड्यूटी लगा दी। इसी पर आयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग ने कहा कि अब किसी भी नए जनपद में शिक्षा मित्रों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि मतदान कर्मियों की कमी है तो पूर्व में तैयार किए गए मंडलीय पूल से ही कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए। शिक्षा मित्रों की चुनाव ड्यूटी न तो लगाई जाए और न ही अब कोई नया प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय भेजा जाए।
इसके अलावा संत कबीरनगर, संत रविदास नगर, सुलतानपुर, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, मिर्जापुर, सोनभद्र व वाराणसी
इसके अलावा पीलीभीत, बलरामपुर, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, ललितपुर, गाजीपुर, जालौन, जौनपुर, प्रतापगढ़, फिरोजाबाद, महराजगंज व महोबा।
- इन जिलों में नहीं कर सकते चुनाव ड्यूटी
इसके अलावा संत कबीरनगर, संत रविदास नगर, सुलतानपुर, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, मिर्जापुर, सोनभद्र व वाराणसी
- इन जिलों में लगेगी ड्यूटी
इसके अलावा पीलीभीत, बलरामपुर, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, ललितपुर, गाजीपुर, जालौन, जौनपुर, प्रतापगढ़, फिरोजाबाद, महराजगंज व महोबा।
रोक के पीछे हो सकता है मुलायम का बयान
जानकार बताते हैं कि शिक्षामित्रों की चुनावी ड्यूटी पर लगी रोक के पीछे सपा प्रमुख मुलायम का बयान हो सकता है।
मुलायम ने 3 अप्रैल को एक रैली में धमकी भरे लहजे में कहा था कि हमने शिक्षा मित्रों को देख लिया है। हमने उन्हें आशीर्वाद दे दिया है। अगर वोट नहीं दिया तो हम इसे वापस ले लेंगे।
चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उन्हें नोटिस जारी कर 20 अप्रैल तक जवाब मांगा था।
मुलायम ने 3 अप्रैल को एक रैली में धमकी भरे लहजे में कहा था कि हमने शिक्षा मित्रों को देख लिया है। हमने उन्हें आशीर्वाद दे दिया है। अगर वोट नहीं दिया तो हम इसे वापस ले लेंगे।
चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उन्हें नोटिस जारी कर 20 अप्रैल तक जवाब मांगा था।
- शिक्षा मित्रों की आपत्ति
- शिक्षामित्रों को मतदान कार्मिक के रूप में तैनात न किये जाने के संबंध में आदेश
Post a Comment