बीटीसी कॉलेजों में सत्र को लेकर समानता नहीं



 तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में बीटीसी कॉलेजों का शैक्षिक सत्र पटरी पर नहीं आ सका है। शासन से लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने लाख चाहा कि बीते साल अक्तूबर से सत्र की शुरुआत हो जाए, पर ऐसा नहीं हो सका। एससीईआरटी पहले चरण में 39,657 सीटों के लिए कटऑफ जारी किया, काउंसलिंग के बाद भी 7000 सीटें खाली रह गईं। यह सीटें तो खाली हैं ही साथ में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर करीब 88 और निजी कॉलेजों को संबद्धता दी जानी है। इससे करीब 4400 सीटें बढ़ जाएंगी। इन पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने में कम से कम एक माह और लग जाएगा। इससे यह साफ है कि कुछ कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो गई है और कुछ में अभी पढ़ाई शुरू होने का इंतजार है।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के साथ निजी कॉलेजों में भी बीटीसी कोर्स चल रहा है। एससीईआरटी ने इस बार तय किया था कि अक्तूबर 2013 तक अनिवार्य रूप से सत्र शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए काफी मशक्कत भी हुई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। पहले चरण का कटऑफ जारी होने के बाद 32,657 सीटों पर ही प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो सकी। जिन सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है, वहां पढ़ाई शुरू होने वाली है और जो सीटें खाली हैं उस पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है। एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह कहते हैं कि प्रवेश प्रक्रिया के लिए जल्द ही कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा।
कहीं सत्र शुरू, तो कहीं शुरू होने का इंतजार
7000 सीटें खाली, 4400 और बढ़ने की उम्मीद

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