नए सत्र में भी होगी शिक्षकों की कमी : 72825 अध्यापकों की भर्ती को लेकर सरकार का रवैया सुस्त

परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने जा रही है, उससे यह तय है कि जुलाई से पहले अध्यापकों की नियुक्ति कर पाना नामुमकिन है। यह भी स्पष्ट है कि नए सत्र में भी बेसिक शिक्षा शिक्षकों की कमी से जूङोगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को अंतरिम आदेश में सरकार से कहा था कि वह 72825 शिक्षकों की भर्ती 2011 में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर तीन महीने में पूरी करे। इस आदेश के बाद भी सरकार का रवैया बेहद ढीला रहा। पहले तो शासन कई दिनों तक यह तय नहीं कर पाया कि अंतरिम आदेश के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करे या फिर शिक्षकों की भर्ती शुरू करे। दो हफ्ते गुजरने के बाद शासन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर अमल का फैसला किया। यह भर्ती 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के आधार पर होनी है।

कुल 68 लाख आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 56 लाख के विवरणों को ही कंप्यूटर में दर्ज किया जा सका है। सरकार के पास पुख्ता आंकड़े भी नहीं हैं कि 2011 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के रद होने पर कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन शुल्क वापस ले लिया। सरकार की सुस्ती का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर करने के बारे में शासन ने अब तक कोई औपचारिक आदेश नहीं जारी किया है। अब जबकि तीन महीने में से आधा समय बीत चुका है तो सरकार ने आनन-फानन सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का फैसला किया है।

खबर साभार : दैनिक जागरण

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