- पायलट प्रोजेक्ट के तहत विद्यालय प्रबंध समिति को दी गई जिम्मेदारी
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों का करेंगे चयन
- प्रत्येक मंडल से दो सक्रिय एसएमसी का किया जायेगा चयन
लखनऊ। स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने और उनका दाखिला प्राइमरी स्कूलों में कराए जाने के लिए हर साल किए जाने वाले हाउस होल्ड सर्वे का काम इस बार अभिभावक भी संभालेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह काम विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए कराया जाएगा। इसमें 14 सदस्यों में से 11 अभिभावक भी शामिल होते हैं। इसके लिए वर्ष 2014-15 में पायलट प्रोजेक्ट के जरिए प्रदेश के प्रत्येक मंडल से दो कार्य करने वाली एसएमसी का चयन किया जाएगा।
राज्य परियोजना निदेशक हरेंद्र वीर सिंह ने 7 जून तक ऐसी एसएमसी की सूची देने के निर्देश दिए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर साल स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से उन्हें चिन्हित करने के लिए हाउस होल्ड सर्वे कराया जाता है।इसकी जिम्मेदारी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों की होती है। लेकिन इस बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह कार्य विद्यालय प्रबंध समतियों से कराने का फैसला किया गया है। इसके तहत 18 मंडलों में से प्रत्येक मंडल के दो विद्यालयों में हाउस होल्ड सर्वे विद्यालय प्रबंध समितियों द्वारा कराया जाएगा। इस कार्य के लिए प्रत्येक मंडल से दो सक्रिय एसएमसी का चयन किया जायेगा। राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से भेजे गए निर्देशों के मुताबिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों का चयन करेंगे जहां पर एसएमसी के माध्यम से हाउस होल्ड सर्वे होना है। साथ ही चयनित विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों का नाम, पता व शैक्षिक योग्यता सहित पूरा ब्यौरा भी भेजना होगा। विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि विद्यालयों में एसएमसी को और सक्रिय करने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।
- एसएमसी में होते हैं 14 सदस्य
प्रत्येक विद्यालय प्रबंध समिति में 14 सदस्य होते हैं। इनमें 11 अभिभावक (जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं अनिवार्य), 1 स्कूल का हेड या वरिष्ठतम शिक्षक, एकएएनएम, लेखपाल व स्थानीय प्राधिकारी की ओर से निर्वाचित सदस्य का प्रतिनिधि शामिल होता है।
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